कवि मन फिर इस मनुज का आ प्रभु, तुझसे कहे कवि मन फिर इस मनुज का आ प्रभु, तुझसे कहे
तेरे ख्वाबों की खातिर सोया करती हैं। तेरे ख्वाबों की खातिर सोया करती हैं।
दिल दिमाग की कशमकश में कुछ समझ नहीं अब आता है... दिल दिमाग की कशमकश में कुछ समझ नहीं अब आता है...
हौसला बुलंद, खुद में विश्वास और पाने की ज़िद हो अगर तो नामुमकिन को मुमकिन बनते हमने देखा है। हौसला बुलंद, खुद में विश्वास और पाने की ज़िद हो अगर तो नामुमकिन को मुमकिन बनते...
जीवन के हर पग पर तू, अपने हुनर का सबब सिखा। जीवन के हर पग पर तू, अपने हुनर का सबब सिखा।
फ़िर कभी किसी पूनम की रात में सितारों और चाँद की मौजूदगी में बीते हुए कल की गलतियों पे बेध... फ़िर कभी किसी पूनम की रात में सितारों और चाँद की मौजूदगी में बीते हुए कल ...